Sunday, February 15, 2009

समाज की उत्पत्ति का उल्लेख

:श्री कुल देवी माता नमः :
श्री सच्चीदा नंदजी ब्रह्म राव द्वारा ब्राह्मण स्वर्णकार समाज की उत्पत्ति का उल्लेख :
काव्य रचना में :
प्रथम ब्रह्म परमाण, ब्रह्मं मनु भणीजे !
मनु तना मारिश , गुण कश्यप गणीजे !!
सौ कश्यप कुल चार , ब्रह्म क्षत्रि दोई भाई !
वसे तीसरो वैश्य चौथा कुल शुद्र समाई !!
चार वरण कश्यप तना , काम सार नोखा करी !
श्रवण सीत दई साम्भलो धड़ाबंध वात कवी ब्रह्मराव कई !!


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