Saturday, December 12, 2009

अखिल भारतीय की कार्यकारिणी की प्रथम सभा

बड़े उत्साह के साथ अखिल भारतीय श्री ब्राह्मण स्वर्णकार महासभा की कार्यकारिणी की प्रथम सभा शुक्रवार दिनांक 11-12-2009 को सम्पन्न हुई । पवित्र स्थान श्री रामदेवरा में इस सभा का होना भविष्य के लिए शुभ होगा , ऐसी आशा रखता हूँ । आयोजक श्री कालुरामजी -पोकरण द्वारा बहुत सुन्दर स्थान का चयन एवं स्वादिस्ट अल्पाहार-भोजन व्यवस्था अल्प समय में करना अपने आप में एक अनुकर्णीय उदहारण है । श्री अध्यक्ष महोदय एवं महामंत्री महोदय की कार्य योजना सराहनीय थी । में सोचता हूँ यदि इस समर्पण एवं सहयोग से सभी सदस्य एवं समितिया कार्य करती रही तो समाज निश्चित ही नई ऊचाइयों पर होगा ।
अपने समय एवं धन के व्यय को न देखते हुए दूर-दूर से इस सभा में उपस्थित होना एक नए विश्वास को जन्म देता है । पूर्व में की गयी गलतियों से सीख ले कर ,नई कार्य योजना बनाना ,संगठन में बदलाव करना , योग्य सदस्यों का चयन करना एवं समय का सदुपयोग वर्त्तमान पदाधिकारियों की विशेष योग्यताओं में गिना जा सकता है ।

Friday, September 25, 2009

शिविर शुभारम्भ

श्री ब्राह्मण स्वर्णकार पंचायत सभा , ब्यावर (राज.) तथा साईबाबा सोशल वेलफेयर ट्रस्ट ,गोंदिया(महाराष्ट्र) के सयुक्त तत्वाधान मे विशाल चुम्बक चिकित्सा एवं एक्यू प्रेशर चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर का आयोजन दिनाक 23 सितम्बर 2009 से 13 अक्टूम्बर 2009 तक श्री ब्राह्मण स्वर्णकार समाज के मन्दिर एवं बगीची ,विजय नगर रोड , ब्यावर पर आयोजित किया जाएगा ।
इस शिविर का उदघाटन समाज के वरिष्ट सदस्य श्री जगदीश चंद्र जी मन्डोरा द्वारा फीता काटकर तथा दीप प्रज्ज्वलित कर ,किया गया । इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष श्री कमल किशोर जी मन्डोरा ,महामंत्री श्री दौलत रामजी काला , कोषाध्यक्ष श्री पवन कुमार जी सोनी,श्री हरिकिशन जी बाड़मेरा ,श्री मति पुष्पावती सोनी , श्रीमति शशि मंडोरा सहित कई गणमान्य नागरिक एवं कार्य कर्ता मोजूद थे ।
उदघाटन अवसर पर चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ श्रीमति सीमा कोडगिरवार ने बताया इस चिकित्सा पद्धति के माध्यम से कई असाध्य रोगों का इलाज सम्भव है । डा सीमा एक योग्य एवं अनुभवी चुम्बक चिकित्सक है । आपने वर्ष 1998 से देश के विभिन्न क्षेत्रो मे निरंतर चुम्बक चिकित्सा एवं एक्यू प्रेशर पद्धति से हजारो रोगियों की जटिल से जटिल बीमारियों की निशुल्क सफल चिकित्सा की है ।
इस शिविर मे उनके सहयोगी डा राजू कोडगिरवार तथा टीम के 8-10 सदस्य पुरी निष्ठा से इलाज करते आ रहे है। इस शिविर का समय सुबह 9 से 1 तथा दोपहर 3 से 7 बजे तक रखा गया है ।

Wednesday, September 23, 2009

तीन वर्षीय चुनाव

दिनाक 20-09-2009 को श्री ब्राह्मण स्वर्णकार पंचायत सभा ,ब्यावर के तीन वर्षीय चुनाव श्री माण्केश्वेर महादेव मन्दिर एवं बगीची,विजयनगर रोड ,ब्यावर पर चुनाव अधिकारी श्री राजेंद्र कुमार जी बाड़मेरा के निर्देशन में संपन्न हुए । निम्न लिखित पदों पर चुनाव संपन्न हुए ।
अध्यक्ष - श्री कमल किशोर जी मन्डोरा
महामंत्री- श्री दौलतरामजी काला
मंत्री - श्री डा ओमप्रकाशजी मन्डोरा
कोषाध्यक्ष - श्री पवन कुमार जी सोनी (मन्डोरा)
बर्तन,बिस्तर,बगीची इंचार्ज -श्री बलदेवजी जसमतिया
सलाहकार - श्री जगदीश चंद्र जी मन्डोरा
सदस्य -
(1) श्री गोपी किशनजी मन्डोरा
(2) श्री श्रीकिशनजी काला (लाला जी )
(3) श्री राजकुमारजी मन्डोरा
शेष कार्य कारिणी के गठन हेतु आगामी सभा में निर्णय लिया जाएगा ।


Monday, September 21, 2009

सामाजिक वेदना

श्री ब्राह्मण स्वर्णकार पंचायत सभा ,ब्यावर की पुनः बुलाई गई वार्षिक साधारण सभा दिनाक 20-09-2009 रविवार को श्री माणकेश्वर महादेव मन्दिर, विजयनगर रोड ,ब्यावर पर आयोजित हुई इस सभा में चुनाव भी करवाए गए । वर्तमान समय में इसे समाज का दुर्भाग्य कहने में कोई अतिशयोक्ति नही होगी की बार-बार सभाओ के आयोजन के बावजूद स्थानीय सदस्य न तो सभाओ में उपस्थित होते है और न ही अपने अधिकारों का उपयोग तथा कर्तव्यों के पालन मे रूचि रखते है शायद इसीलिए अधिकारियो को भी आपने काम मे उत्साह महसूस नही होता।
आज यदि अधिकारियो के सामने आप अपनी बात उचित तारीखे से रखते है तो उन्हें भी आपकी बात को मानना पड़ेगा। अपनी समस्याओ के बारे मे बुजुर्ग सदस्यों से बात करें -फ़िर बुजुर्ग सदस्य समाज हित मे उचित-अनुचित का निर्णय कर अधिकारियो को निर्देशित करे तभी समाज का विकास एवं उन्नति होगी ।
मे अधिकारियो से निवेदन करना चाहूँगा समय समय पर अपनी गतिविधियों की जानकारी अपने सदस्यों को दे। थोड़े-थोड़े समय के अन्तराल से कोई न कोई आयोजन के माध्यम से मेल-जोल बनाए रखें। कार्यकर्ताओ मे विश्वास बनाए रखे। आरोप प्रतारोप से दूर रहें ।
मे समझता हूँ ब्यावर समाज के सभी सदस्य अपना हित-अहित समझते है यदि साथ-साथ समाज का हित भी समझने लगे तो समाज मे उन्नति दिखने लगेगी।
मे आशा करता हूँ समाज के सभी सदस्य इस बात को गंभीरता से लेंगें। धन्यवाद।

Tuesday, February 17, 2009

संगठन में शक्ति है । समाज हित में ज्यादा से ज्यादा सहयोग दें।

Sunday, February 15, 2009

ब्राह्मण स्वर्णकार समाज की उत्पत्ति का दोहा तथा भावार्थ

ब्राह्मण स्वर्णकार समाज की उत्पत्ति का दोहा :
(पिंगल काव्य से )
वामन त्रेता पक्ष चंद अक्षय तिथि रविवार !
तपो निष्ठ नव ऋषिथपे, ब्रह्म वंस औसार
भावार्थ :
त्रेता यूग में वामन संवत बाहेतरवा वर्ष अक्षय तिथि रविवार के दिन श्रीमाल नगर (भीनमाल ) सुं नव ऋषि वंश गोत्र से ब्राह्मण स्वर्णकार समाज की उत्पत्ति होती है ।
कथा :
त्रेता यूग में कनकासुर नाम का असुर था जो जहाँ भी ब्राह्मण वंश को देखता तब उनके वंश को ख़त्म कर देता । वह यज्ञ हवन को विध्वंश कर देता । तब वो ब्राह्मणों ने वह नगरी छोड़ी , उसमे से नव ऋषियों का वंश अरबुद गीरी गए वहां गौतम ऋषि का आश्रम था । गौतम ऋषि से याचना की की हमारी रक्षा करो तब गौतम ऋषि ने कहा कि भगवती की उपासना करो तब नव ऋषियों के वंश ने सुंधा पर्वत की पहाडियों में आकर
भगवती की उपासना की । माता शक्ति ने प्रसन्न हो कर वरदान दिया की जाओ ब्रह्म पुत्रों इस स्वर्ण कला से अपनी गृहस्थी धर्म चलाओ ( यानि स्वर्ण कला का वरदान दिया )।
यहाँ से नव ऋषियों की संतानों ने स्वर्ण कला अपनाई - तब एक अलग से समाज का उदय किया और सच्चिदानंदजी ब्रह्म राव को जाती इतिहास करक बनाया ।
ब्राह्मण स्वर्णकार समाज का इतिहास त्रेता युग में वामन संवत 72 वां वर्ष अक्षय तिथि रविवार से वंश वंशावली लिखनी आरम्भ हुई । जो दो युग तक वंश वंशावली लिखते रहे ।
फिर कलयुग के आरम्भ काल में वापस समाज खंड विखंड हुई जो 3500 वर्ष लगभग समाज खंड विखंड रही । कलयुग में दुबारा गौतम ऋषि का धर्म श्री जी के रूप में अवतार हुआ और धर्म श्रीजी ने ब्राह्मण स्वर्णकार समाज का पुनः गठन किया ।
विक्रम संवत राजायती 759 वैसाख सुदी 3 रविवार को 120 कन्या धर्म परनाकर 84 खापें नियुक्त की और सच्चीदा नन्द जी ब्रह्म राव के वंशज मान तोलावत राव को कुलगुरु थापन किया और 84 खापों के वंश वंशावली का इतिहास लिखवाना आरम्भ किया सो ब्रह्म राव मान तोलावत के वंशज आज दिन तक वंशावली लिखते है और सुनाते है ।
लेकिन दान दक्षिणा कम मिलने की वजह से मान तोलावत राव के वंशजो ने दूसरा धंधा अपना लिया है और कुछ वंशज आज भी शहरों में घूमकर वंशावली का व्याखान सुनाते है ।
दोहा जाती हित :
जीवत जाती वह जगत , जिनरो बहे इतिहास !
उनरे पहली वह मुवा , जो गौरवता नाश !!
जिनको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है !
वह नर नही नर पशु है और मृतक समान है !!
ब्राह्मण स्वर्णकार समाज की उत्पत्ति का उल्लेख ब्राह्मण स्वर्णकार समाज के राव मान तोलावत की बही से लिया गया है ,जो सही है । आज मिति संवत 2065 माघ बदी 9 वार बुधवार तारीख 04/02/2009 ने लिखते :-
राव विजय दान हरिचन्द्र बागोरा
पता :
हरिचन्द्र पुत्र बाबुलालजी राव
मु.पो -मजाल
वाया - समदडी
जिला - बाड़मेर (राज)
मोबाइल - 9784709124 , 9351755994

समाज की उत्पत्ति का उल्लेख

:श्री कुल देवी माता नमः :
श्री सच्चीदा नंदजी ब्रह्म राव द्वारा ब्राह्मण स्वर्णकार समाज की उत्पत्ति का उल्लेख :
काव्य रचना में :
प्रथम ब्रह्म परमाण, ब्रह्मं मनु भणीजे !
मनु तना मारिश , गुण कश्यप गणीजे !!
सौ कश्यप कुल चार , ब्रह्म क्षत्रि दोई भाई !
वसे तीसरो वैश्य चौथा कुल शुद्र समाई !!
चार वरण कश्यप तना , काम सार नोखा करी !
श्रवण सीत दई साम्भलो धड़ाबंध वात कवी ब्रह्मराव कई !!